सावंतपुर जंगल में मिला बुजुर्ग का क्षत-विक्षत शव, बाघ के हमले की आशंका, पुलिस की संवेदनहीनता पर उठा सवाल

बिलासपुर/तखतपुर। तखतपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत जूनापारा चौकी के सकेरी पंचायत निवासी 50 वर्षीय बुजुर्ग उमाशंकर साहू का शव तीन दिन बाद सांवतपुर जंगल के नीम घाट के पास क्षत-विक्षत हालत में मिला। वे 15 मई की सुबह लकड़ी लेने साइकिल से जंगल गए थे, लेकिन वापस नहीं लौटे थे। परिजनों ने जूनापारा चौकी में गुमशुदगी दर्ज कराई थी, मगर पुलिस ने मोबाइल लोकेशन ट्रेस करने या खोज अभियान चलाने की कोई तत्परता नहीं दिखाई।

घटनास्थल पर शव के केवल हाथ, खोपड़ी और धड़ का कुछ हिस्सा बरामद हुआ, जबकि आसपास उमाशंकर के जूते, फटे कपड़े और मोबाइल मिले, जिससे उनकी पहचान हो सकी। शव की स्थिति देखकर अंदेशा जताया जा रहा है कि उन पर बाघ ने हमला किया। वन विभाग ने भी इस क्षेत्र को एटीआर का हिस्सा बताया है और यहां बाघ के पदचिन्ह भी मिले हैं।

पुलिस की लापरवाही और अमानवीय व्यवहार

घटना के बाद पुलिस की संवेदनहीनता और लापरवाही खुलकर सामने आई है। चौकी प्रभारी मनोज शर्मा ने शव को इकट्ठा करने की जिम्मेदारी परिजनों पर डाल दी और पोस्टमॉर्टम के लिए भेजने के लिए न तो कोई वाहन दिया और न ही पुलिस बल। परिजन खुद ही शव को बोरी में भरकर बाइक से अस्पताल लेकर पहुंचे।

परिजनों का आरोप है कि अगर पुलिस ने समय पर कार्रवाई की होती, मोबाइल लोकेशन ट्रेस किया जाता या सर्च ऑपरेशन चलाया जाता, तो उमाशंकर की जान बचाई जा सकती थी या कम से कम शव की हालत इतनी खराब नहीं होती।

बाघ के हमले की आशंका गहराई

परिजन और स्थानीय लोग दावा कर रहे हैं कि जंगल में बाघिन ने बच्चों को जन्म दिया है, जिससे इलाके में बाघ की गतिविधि बढ़ गई है। मृतक के शव के पास बाघ की दहाड़ सुनने की बात भी परिजनों ने कही। वन विभाग ने मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन लोगों में दहशत का माहौल है।

जनता में आक्रोश, कार्रवाई की मांग

घटना के बाद क्षेत्र में आक्रोश व्याप्त है। ग्रामीणों और परिजनों ने पुलिस की लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। साथ ही वन विभाग से इलाके में निगरानी बढ़ाने और मानव-बाघ संघर्ष की आशंका को देखते हुए उचित कदम उठाने की मांग की है।

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