कोयला व्यापारी आत्महत्या प्रकरण में चार आरोपी गिरफ्तार, 33 करोड़ के घोटाले का खुलासा

आकाश मिश्रा

मुंगेली, सरगांव। थाना सरगांव क्षेत्र के चर्चित कोयला व्यापारी आत्महत्या मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल (भा.पु.से.) के निर्देशन में और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुश्री नवनीत कौर छाबड़ा तथा उप पुलिस अधीक्षक नवनीत पाटिल के मार्गदर्शन में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है।

मामला बिलासपुर निवासी नरेंद्र कुमार कौशिक (50) की आत्महत्या से जुड़ा है, जो अमिषा ट्रेडर्स नामक कोल डिपो का संचालन करते थे। उन्होंने 26 नवंबर 2024 को एक सुसाइड नोट छोड़कर ज़हर सेवन कर लिया था। उपचार के दौरान उनकी मृत्यु अपोलो अस्पताल, बिलासपुर में हुई।

जांच के दौरान सामने आया कि मृतक ने अपने साझेदारों राजेश कोटवानी, संजय भट्ट, देवेंद्र उपवेजा और सूरज प्रधान के साथ मिलकर व्यवसाय किया था। आरोपियों ने उन्हें व्यवसाय की सही जानकारी नहीं दी और लगभग 33 करोड़ रुपये की हेराफेरी की। साथ ही, कोल डिपो का कोयला और दो लोडर वाहन भी गुपचुप तरीके से हटा लिए गए। इन परिस्थितियों के चलते कौशिक मानसिक तनाव में आ गए और उन्होंने आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया।

पुलिस ने सुसाइड नोट, परिजनों और सहयोगियों के बयान तथा कॉल डिटेल्स का विश्लेषण कर आरोपियों की भूमिका स्पष्ट की। इस आधार पर थाना सरगांव में अपराध क्रमांक 195/2024 के तहत धारा 108 व 3(5) बीएनएस के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया।

गिरफ्तार आरोपी:

  1. राजेश कोटवानी (48) – निवासी ओम गार्डन, नेहरू नगर, बिलासपुर
  2. देवेंद्र सिंह उपवेजा (54) – निवासी जुनी लाइन, वार्ड क्रमांक 19, बिलासपुर
  3. सूरज प्रधान (34) – निवासी दुर्गानगर, लिंगियाडीह, बिलासपुर
  4. संजय भट्ट (53) – निवासी अंधियारी, अकलतरा, जांजगीर

पूछताछ में सभी आरोपियों ने घटना में संलिप्तता स्वीकार कर ली है। पुलिस ने उनके खातों, संबंधित दस्तावेज़ों और दो लोडर वाहनों को जब्त कर लिया है।

इस पूरी कार्रवाई में थाना प्रभारी सरगांव उप निरीक्षक संतोष शर्मा, सहायक उप निरीक्षक अजय चौरसिया, प्रधान आरक्षक जय दुबे, आरक्षक सूरज धुरी, रिपीन बनर्जी और रामू निषाद की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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