आकाश मिश्रा
कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव की एक और झूठ पकड़ी गई है। रतनपुर के पास बंगला भाटा में सरकारी जमीन पर तैयार चर्च के बारे में कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव ने कलेक्टर और एसपी को ज्ञापन सौंपते हुए दावा किया था कि पहले वहां एक कच्चा निर्माण हुआ करता था, जहां गांव के लोगों ने ही आपस में चंदा कर पक्का भवन बनाया और उसमें उनकी सांस्कृतिक गतिविधियां संपन्न होगी। इधर सोशल मीडिया पर एक दस्तावेज सामने आया है जिसमें ग्राम पुडु बंगला भाटा में सड़क निर्माण के लिए एक लाख और इसी विवादित भवन अतिरिक्त कक्ष निर्माण हेतु विधायक मद से 3 लाख रुपये देने की अनुशंसा स्वयं कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव ने की है।
इधर ज्ञापन सौंपने के दौरान अटल श्रीवास्तव द्वारा भगवा आतंकवाद जैसे कांग्रेस द्वारा गढ़े हुए शब्द को कहने पर संत समाज बेहद खफा है।
दरअसल बंगला भाठा में एक कथित चर्च का निर्माण किया गया है, जिसका उद्घाटन सोमवार को मुख्य अतिथि के रूप में अटल श्रीवास्तव और बिशप करने वाले थे । इसकी भनक लगने पर प्रबल प्रताप सिंह जूदेव के नेतृत्व में हिंदूवादी संगठनों ने विरोध किया था, जिसके कारण कार्यक्रम तो रद्द हो गया लेकिन अगले ही दिन अटल श्रीवास्तव ने पुलिस और प्रशासन को धमकी देते हुए कहा कि भगवा आतंकवादियों को गिरफ्तार किया जाए, नहीं तो वे भी ट्रकों से भीड़ लाकर अप्रिय घटना को अंजाम देंगे। अटल ने चैलेंज किया कि अगली बार अगर प्रबल प्रताप सिंह जूदेव गांव में कदम भी रखते हैं तो जशपुर जैसी घटना होगी। इधर हिंदू धर्म के प्रति अब शब्द कहने और भगवा गुंडा एवं भगवा आतंकवाद जैसे बयान के बाद संत समाज ने भी आक्रोश व्यक्त किया है।
बिलासपुर प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता करते हुए संत समाज ने कहा कि अटल श्रीवास्तव बिना शर्त माफी मांगे अन्यथा आगामी दिनों में अमरकंटक में बैठक कर उनके खिलाफ बड़े आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी। संतों का कहना है कि कांग्रेसी विधायक ने सनातन धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा है। साथ ही उनकी हरकत धर्मांतरण को बढ़ावा देने वाली नजर आ रही है। हिंदुओं को भगवाधारी गुंडा कहना साधु संत और हिंदुओं के लिए अपमान जनक है। अखिल भारतीय संत समिति और सर्व हिंदू समाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि आगामी 12 और 13 नवंबर को अमरकंटक में संत समाज की बैठक आयोजित की जाएगी, जहां एक बड़े आंदोलन की रूपरेखा बनेगी। इस मौके पर महंत सर्वेश्वर आनंद महाराज और स्वामी राकेश महाराज समेत बड़ी संख्या में साधु संत उपस्थित थे, जिनका कहना है कि किसी भी जन प्रतिनिधि को इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए। हिंदुत्व पूरे विश्व को अपना परिवार मानता है और सर्वधर्म समभाव की बात कहता है लेकिन भोले वाले आदिवासियों को कभी इलाज तो कभी अनाज की बोरी देकर उनका धर्मांतरण किया जा रहा है और इसमें कांग्रेसी विधायक पूरी तरह उनके साथ देते नजर आ रहे हैं ।
बताया गया कि आगामी 12 और 13 नवंबर को अमरकंटक में बैठक होगी जिसमें अखिल भारतीय संत समाज के साथ छत्तीसगढ़ के भी साधु संत शामिल होंगे।
पिछले विधानसभा चुनाव में भी भाजपा के लिए धर्मांतरण बड़ा मुद्दा था। इस मुद्दे पर कांग्रेस हमेशा से घिरती रही है। एक बार फिर कांग्रेस के विधायक जिस तरह से मिशनरी के साथ खड़े नजर आ रहे हैं, उससे उनकी चौतरफा आलोचना हो रही है।