तारबाहर अंडर ब्रिज एक्सटेंशन के लिए 15 दिन के लिए किया गया फाटक बंद, इधर लोग अपनी जान जोखिम में डालकर कर रहे हैं पटरी पार

आकाश मिश्रा

आज से 13 साल पहले तार बाहर रेलवे फाटक के पास हुए भीषण हादसे को शायद ही यह शहर कभी भूल सकता है। इसके बाद जनता की मांग पर यहां अंडर ब्रिज तैयार किया गया, लेकिन हड़बड़ी कहे या फिर लापरवाही, उस दौरान आधा अधूरा अंडर ब्रिज बनाया गया, जिस कारण से दोनों ओर रहने वालों की समस्या का स्थाई निदान नहीं हो पाया। अंडर ब्रिज के बाद भी रेल की पटरिया मौजूद थी, जिस कारण से लोगों को पहले की तरह ही प्रतीक्षा करनी पड़ती थी। वहीं ट्रेन का परिचालन भी प्रभावित हो रहा था, जिसके बाद रेलवे अंडर ब्रिज का एक्सटेंशन किया जा रहा है। अब पुराने ब्रिज के रिटेनिंग वॉल को तोड़कर एक्सटेंशन के साथ जोड़ने की कवायद शुरू कर दी गई है। 9 से लेकर 22 फरवरी तक यह काम चलेगा। इस दौरान अंडर ब्रिज बंद होने की वजह से दोनों ओर रहने वाले लोग रेल की पटरिया असुरक्षित ढंग से पार कर रहे हैं। तारबाहर अंडर ब्रिज को एक्सटेंशन ब्रिज से जोड़ने के लिए दीवार गिराने की वजह से यह ब्रिज पूरी तरह से बंद हो चुका है। फिलहाल यहां से मिट्टी हटाने का काम किया जा रहा है, इसलिए लोग अभी बंद फाटक के नीचे से ही आना-जाना कर रहे हैं ।सिरगिट्टी की ओर से अंडर विच का काम ऊपर के शेड को छोड़कर लगभग पूरा हो चुका है। तीनों बाईपास लाइन के नीचे कंक्रीट बॉक्स रखे जा चुके हैं। पुराने अंडर ब्रिज के मुहाने तक लगभग 35 से 40 मीटर तक जोड़ने का काम किया जाना है। इसे कंक्रीट बॉक्स के जरिए जोड़ा जाएगा । दोनों ब्रिज को आपस में जोड़ने के लिए दीवार को आधी ऊंचाई तक काटना पड़ा है। इस कार्य के चलते रेलवे ने 15 दिन के लिए सिरगिट्टी फाटक को बंद कर दिया है।

तारबाहर अंडर ब्रिज के दोनों रहने वाले लोगों की आवाजाही में सुविधा हो इस उद्देश्य से रेलवे द्वारा अंडर ब्रिज का एक्सटेंशन किया जा रहा है, लेकिन वर्तमान में पुराना अंडर ब्रिज बंद होने से लोग जोखिम लेकर रेल पटरिया पर कर रहे हैं, जबकि उनके पास वैकल्पिक रूप से चुचुहिया पारा अंडर ब्रिज, हेमू नगर ओवर ब्रिज और तिफरा का ब्रिज भी है ।रेलवे ने सभी लोगों से अपील की है कि वे इस तरह से रेल की पटरिया पार ना करें । यह उनके लिए जोखिम भरा कदम हो सकता है।

तारबाहर अंडर ब्रिज का काम जारी होने के चलते दिन भर यहां से स्कूली बच्चों समेत मजदूर वर्ग भी रेल की पटरिया पार करते नजर आ रहे हैं, जिससे पुराने हादसे की पुनरावृत्ति संभव है। हालांकि यहां रेलवे कर्मचारी मॉनिटरिंग कर ऐसे लोगों को रोक भी रहे हैं, लेकिन पूरे क्षेत्र में मॉनिटरिंग संभव नहीं, इसलिए लोगों को भी जागरूक होकर 15 दिन प्रतीक्षा करनी होगी।

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