
श्री पीताम्बरा पीठ सुभाष चौक सरकण्डा बिलासपुर छत्तीसगढ़ स्थित त्रिदेव मंदिर में नवरात्र के छठवें दिन पीताम्बरा मां बगलामुखी देवी का कात्यायनी देवी के रूप में पूजन श्रृंगार किया गया।आज दिनांक 27/03/2023 को पीताम्बरा पीठ सरकण्डा के सत्संग भवन में स्वामी विशोकानन्द भारती जी महाराज ने कहा कि दैवी सम्पदा और असुरी सम्पदा दोनों संसार को चलाती है। दैवी सम्पदा अर्थात देवी की उपासना से प्राप्त कर्म,भक्ति,ज्ञान,श्री सम्पदा संसार में सुख, समृद्धि के साथ-साथ अंत में मोक्ष में सहयोगी होती है, परंतु असुरी सम्पदा दुख और दरिद्र बनाती है। और अंत में चौरासी गुना बंधन बनाती है।पूज्य पाद शारदानन्द जी महाराज दैवी सम्पदा की साधना में संलग्न रहते थे इसीलिए उन्होंने अपने शिष्य आचार्य दिनेश जी महाराज को भी परोपकार और परमार्थ की दैवी दीक्षा से अभिव्यक्त किया आज बिलासपुर में दैवी सम्पदा को प्राप्त करने का पीताम्बरा माता का धाम अग्रण्य है। जैसे माँ अपने बालक के कल्याण के लिए आतुर रहती है,वैसे ही भगवती अपने भक्तों के लौकिक,पारलौकिक और परमार्थिक कल्याण के लिए तत्पर रहती है।

पीताम्बरा पीठ के पीठाधीश्वर आचार्य दिनेश जी महाराज ने बताया कि सप्तमी के पावन पर्व पर पीताम्बरा माता कालरात्रि देवी के रूप में पूजन श्रृंगार किया जाएगा,साथ ही अग्नि स्थापना एवं हवन किया जाएगा एवं अष्टमी को अधिवास पूजा किया जाएगा जिसमें जलाधिवास एवं फलाधिवास पूजन किया जाएगा।एवं रामनवमी के पावन पर्व पर परमब्रह्म मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम जी के मूर्ति का महान्यास प्राण प्रतिष्ठा,श्रीरामसहस्त्रनामहवन,कन्यापूजन,हवन भण्डारा,यज्ञ पूर्णाहुति का आयोजन किया जाएगा।
