
पखांजूर से बिप्लब कुण्डू-


पखांजूर…
संयुक्त मंच की और से कल्पना चंद ने मुख्यमंत्री से कहां है कि आपके अधिनस्थ प्रदेश में संचालित 46660 आंगनबाड़ी केन्द्र और 5814 मिनि आंगनबाड़ी केन्द्रों में लगभग
01 लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाएं कार्यरत हैं। कार्यकर्ता सहायिकाओं द्वारा केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा सौंपे गये सभी कार्यो का ईमानदारी से निर्वहन किया जा रहा हैं, लेकिन समय, श्रम और वर्तमान मंहगाई के अनुरुप जो मानदेय और अन्य सुविधायें मिल रही हैं वह बहुत ही कम हैं। इस बात को मुख्यमंत्री भुपेश बघेल ने ध्यान से सुने और उनके सरकार पर विश्वास और भरोसा रखने को कहां ।संयुक्त मंच ने मुख्यमंत्री से शिक्षा कर्मियों की तरह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं के लिये भी नीति बनाकर शासकीय कर्मचारी घोषित किया जावें, तब तक वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा चुनावी घोषणा पत्र में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता
सहायिकाओं को नर्सरी शिक्षक पर उन्नयन और कलेक्टर दर पर मानदेय दिये जाने का वायदा किया गया था,जिसके तहत कार्यवाही करते हुए यह मांग पूरी कराई जावें ।,सामाजिक सुरक्षा के रुप में मासिक पेंशन और समूह बीमा योजना हेतु नीति निर्धारित कर इसको लागू कराने का कष्ट करेंगे। इसके साथ ही सेवानिवृत्त और मृत्यु होने पर कार्यकताओं को 05 लाख एवं सहायिकाओं को रुपयें 03 लाख राशि एक मुश्त भुगतान किया जावें।,

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सुपरवाईजर के रिक्त पद पर शत-प्रतिशत, बिना उम्र बंधन के और बिना परीक्षा के लिया जावें। इसी तरह सहायिकाओं को कार्यकर्ता के रिक्त पद पर लिया जावें, 25% का बंधन समाप्त किया जावें। इस हेतु विभागीय सेवा भर्ती नियम में संशोधन किया जावे।,मिनि आंगनबाड़ी को पूर्ण आंगनबाड़ी बनाने एवं क्रेश कार्यकर्ताओं को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर समाहित किया जावें ।,प्रदेश स्तर में रिक्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं के रिक्त पदों को शीघ्र भरा जावें।,पोषण ट्रेकर एप्प और अन्य कोई भी कार्य जब तक मोबाईल, नेट चार्ज नही दिया जाता तब तक मोबाईल में कार्य ना लिया जावें।आदि छैः सुत्री मांग पुरी करने हेतु ज्ञापन सौपा।कल्पना चंद,अंजू मल्लिक सिमा बढ़ई,गोदावरी नेताम,शिखा गाईन,बाशंति विश्वास, शांति, त्रीप्ति वर्मा,सुजता सरकार, मनिषा बैरागी,वासन्ती सिकराय, अनिमा दास, जयमाल,परिस्कार,दिपीका आदि उपस्थित रहे।