श्री पीताम्बरा पीठ त्रिदेव मंदिर सुभाष चौक सरकंडा में श्री गणपति सिध्दीविनायक जी की होगी प्राण प्रतिष्ठा

बिलासपुर सरकण्डा सुभाष चौक स्थित श्री पीताम्बरा पीठ त्रिदेव मंदिर में श्री 108 किलो वजनी श्री शारदेश्वर पारदेश्वर महादेव,श्री ब्रह्म शक्ति बगलामुखी देवी,परमब्रह्म मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामजी की स्थापना के पश्चात इसी कड़ी में श्री सिद्धिविनायक गणपति जी का प्राण प्रतिष्ठा गणेश चतुर्थी के पावन पर्व पर किया जाएगा।इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य के राजकीय अतिथि महामण्डलेश्वर श्री मनमोहनदास महाराज जी श्री राधे राधे बाबा संयुक्त राष्ट्रीय महामंत्री अखिल भारतीय संत समिति केंद्रीय बोर्ड सदस्य,एवं श्री नंददास दंडोतिया संगठन मंत्री विश्व हिंदू परिषद छत्तीसगढ़ प्रांत विशेष रूप से सम्मिलित होंगे।

पीतांबरा पीठाधीश्वर आचार्य डॉक्टर दिनेश जी महाराज ने बताया किचतुर्थी पर गणेश जी की प्राण प्रतिष्ठा का बहुत महत्व है। प्राण प्रतिष्ठा एक विशेष पूजा है जिसमें भगवान गणेश की मूर्ति में प्राण या जीवन शक्ति को स्थापित किया जाता है। यह पूजा विशेष रूप से चतुर्थी के दिन की जाती है, जब भगवान गणेश की पूजा की जाती है।प्राण प्रतिष्ठा से भगवान गणेश की मूर्ति में जीवन शक्ति को स्थापित किया जाता है, जिससे वह मूर्ति जीवंत हो जाती है।प्राण प्रतिष्ठा से पूजा की पूर्णता होती है,और भगवान गणेश की पूजा का फल प्राप्त होता है।प्राण प्रतिष्ठा से मनोकामना पूर्ति होती है, और जीवन में सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है।प्राण प्रतिष्ठा से आध्यात्मिक विकास होता है, और जीवन में सकारात्मकता आती है।प्राण प्रतिष्ठा से भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है, और जीवन में खुशहाली आती है।इसलिए, चतुर्थी पर गणेश जी की प्राण प्रतिष्ठा का बहुत महत्व है, और यह पूजा विशेष रूप से भगवान गणेश की पूजा के लिए की जाती है।

इसी कड़ी में धार्मिक अनुष्ठानों के अंतर्गत 6 जुलाई आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा से लेकर आगामी 15 नवंबर 2024 कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा तक चलने वाले श्री पीतांबरा हवनात्मक महायज्ञ मे 36 लाख आहुतियाँ अर्पित की जाएगी।श्री पीताम्बरा हवनात्मक यज्ञ 133 दिन चलेगा,जिसमें 63 दिन पूर्ण हो चुके हैं और 63 दिन में 13 लाख 23 हजार आहुतियां दी जा चुकी है।प्रतिदिन पीताम्बरा हवनात्मक महायज्ञ रात्रि 8:00 बजे से प्रारंभ होकर रात्रि 1:00 तक निरंतर चलता है एवं रात्रि 12:45 में श्री ब्रह्मशक्ति बगलामुखी देवी का महाआरती किया जाता है।

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