ईडब्ल्यूएस आरक्षण को 10% से घटाकर 4% किए जाने के विरोध में परशुसेना ने कलेक्टर के माध्यम से राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन, उग्र आंदोलन की दी चेतावनी

मौजूदा आरक्षण विवाद में सामान्य वर्ग के आरक्षण में कटौती के खिलाफ परशु सेना ने राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया है। इससे पहले सामान्य वर्ग के हित पर कुठाराघात करने का आरोप लगाते हुए परशुसेना के बैनर तले अलग-अलग संगठन के सदस्य नेहरू चौक से रैली की शक्ल में कलेक्ट्रेट पहुंचे, जहां राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपते हुए कहा गया कि शासन स्तर पर 10% आरक्षण आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित होने के बावजूद वोट बैंक की राजनीति करते हुए छत्तीसगढ़ प्रदेश की सरकार ने इसमें 6% की कटौती की है, जो सामान्य वर्ग के लिए हितकारी नहीं है ।

इससे पूरा समाज आक्रोशित है। सरकार प्रदेश में आपसी समन्वय उत्पन्न करने की बजाय जाति के आधार पर भेदभाव पूर्ण नीति अपनाकर सौहार्द खराब कर रही है। छत्तीसगढ़ सरकार के निर्णय को एक पक्षीय और राजनीति से प्रेरित बताते हुए इसकी खिलाफत की गई है। ज्ञापन में कहा गया कि सामान्य वर्ग में भी बड़ी संख्या में आर्थिक तौर पर निर्धन लोग हैं, जिनके हित पर छत्तीसगढ़ सरकार ने सीधा प्रहार किया है। सामान्य वर्ग के सबसे कम आरक्षण में भी कटौती की गई है। ईडब्ल्यूएस के आरक्षण में किसी तरह की कटौती ना करते हुए उसे पूर्ववत 10% बहाल करने की मांग की गई है। अनुसूचित जनजाति के आंदोलन के बाद झुकी सरकार ने उनके हित में फैसला लिया है। अब सामान्य वर्ग भी सड़क पर उतरकर संघर्ष करने की बात कर रहा है। कलेक्टर के माध्यम से राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा गया है। इस पर उचित निर्णय नहीं लिए जाने की स्थिति में भविष्य में उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गई है। इस अवसर पर सामान्य वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हुए बड़ी संख्या में सामाजिक कार्यकर्ता और नागरिक शामिल हुए।

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