आरक्षण विवाद पर बोले सांसद मंडावी : प्रदेश सरकार आदिवासी हितैषी है तो विधानसभा में अध्यादेश लाए

पखांजूर से बिप्लब कुण्डू-3.10.22

सरकार यदि सच में आदिवासी हितैषी है, तो आरक्षण को लेकर विधानसभा में अध्यादेश लेकर आये और आदिवसियों के आरक्षण को बरकरार रखने के लिए कदम उठाए—-

पखांजूर।
छत्तीसगढ़ में आरक्षण को लेकर मचे सियासी घमासान के बीच कांकेर सांसद मोहन मंडावी ने राज्य सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है।मंडावी ने प्रदेश सरकार पर आरक्षण को लेकर कोर्ट में सही तरह से पक्ष नहीं रखने का आरोप लगाया और आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षण में कटौती को लेकर प्रदेश की कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
सासंद मोहन मंडावी ने कहा कि, प्रदेश सरकार को तो यह भी नहीं मालूम कि उनका वकील कौन है, उन्होंने कहा कि सरकार यदि सच में आदिवासी हितैषी है, तो आरक्षण को लेकर विधानसभा में अध्यादेश लेकर आये और आदिवसियों के आरक्षण को बरकरार रखने के लिए कदम उठाए। सासंद मंडावी ने भाजपा सरकार के दौरान आदिवासियों के हित में 32 प्रतिशत आरक्षण रखने की बात कहते हुए वर्तमान सरकार पर आरक्षण में कटौती पर मौन धारण करने को लेकर भी तंज कसा है। उल्लेखनीय है कि, आदिवासी आरक्षण में कटौती को लेकर 8 अक्टूबर को भाजपा बस्तर संभाग में चक्काजाम करेगी और अपना विरोध दर्ज करने वाली है।
बस्तर, सरगुजा और बिलासपुर संभाग में 2012 से तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के रिक्तियों में जो स्थानीय निवासियों द्वारा ही भरा जाना अनिवार्य था उसे भी अब इस कांग्रेस सरकार ने आदेश निकालकर छीन लिया है।इसके लिए स्पष्ट रूप से भूपेश सरकार जिम्मेदार है। आदिवासियों के हितों पर एक के बाद एक कैंची चलाने वाले भूपेश बघेल से हम पूछना चाहता है की और कौन कौन से संवैधानिक हक आदिवासियों के आप छीनेंगे।

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